lyrics of shri ram janki in hindi : श्री राम जानकी बैठे है मेरे सीने में एक शानदार भजन है जो की देश भर में काफी पसंद किया जा रहा है और इस भजन को सभी प्रोग्राम मने गया भी जा रहा है जिसके कारन भी इसके चाहने वालों मने लगातार वर्दी होती जा रही है
” श्री राम जानकी बैठे है मेरे सीने में” यह सुन्दर गीत रामायण के एक सुन्दर वार्ता को अंकित कर रहा है जिसमें की श्री राम के राजा बन जाने पर जब श्री राम अपने प्रिय लोगो को कुछ भेट देते है और हनुमान जी को भी एक मोतियों की माला दी जाती है और इस माला को देख कर हनुमान जी इसके मोतियों को तोड़ने लग जाते है और सभी लोग अनुमान जी पर व्यंग करने लगते है इसी बिच विभीषण को संभोधित करते हुए इस गीत की शुरुवात हुई है ।
lyrics of shri ram janki in hindi
ना चलाओ बाण,
व्यंग के ऐ विभिषण,
ताना ना सह पाऊं,
क्यूँ तोड़ी है ये माला,
तुझे ए लंकापति बतलाऊं,
मुझमें भी है तुझमें भी है,
सब में है समझाऊँ,
ऐ लंकापति विभीषण, ले देख,
मैं तुझको आज दिखाऊं।।
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में,
देख लो मेरे दिल के नगीने में।।
मुझको कीर्ति ना वैभव ना यश चाहिए,
राम के नाम का मुझ को रस चाहिए,
सुख मिले ऐसे अमृत को पीने में,
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में।।
अनमोल कोई भी चीज,
मेरे काम की नहीं,
दिखती अगर उसमे छवि,
सिया राम की नहीं ॥
राम रसिया हूँ मैं, राम सुमिरण करूँ,
सिया राम का सदा ही मै चिंतन करूँ,
सच्चा आनंद है ऐसे जीने में,
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में ॥
फाड़ सीना हैं, सब को ये दिखला दिया,
भक्ति में मस्ती है, सबको बतला दिया,
कोई मस्ती ना, सागर को मीने में,
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में ॥
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने मे,
देख लो मेरे दिल के नगीने में ॥